समीकरण ax2+bx+c=0 के प्रकार को एक द्विघात का समीकरण कहते यह विधि वर्ग पूर्ण करने की विधि (method of completing the square) पर आधारित है.
वर्ग पूर्ण करने की विधि में तत्समक x2+2xy+y2=(x+y)2 का प्रयोग किया जाता है. यहाँ पर हम श्रीधराचार्य विधि (Shridharacharya Method) द्वारा द्विघातीय समीकरण हल करने की विधि का वर्णन करेंगे. द्विघातीय समीकरण का हल प्रस्तुत करने वाले आरम्भिक गणितज्ञों में श्रीधराचार्य का नाम अग्रणी है. श्रीधराचार्य प्राचीन भारत के एक महान गणितज्ञ थे. इन्होंने अन्य गणितज्ञों की तुलना में शून्य की सर्वाधिक स्पष्ट व्याख्या की तथा द्विघातीय समीकरण को हल करने के लिए सूत्र का प्रतिपादन किया. श्रीधर ने बीजगणित पर एक वृहद् ग्रन्थ की रचना की थी जो अब उपलब्ध नहीं है. परन्तु भारतीय गणितज्ञ भास्कर द्वितीय ने अपने बीजगणित में द्विघातीय समीकरणों के हल के लिए श्रीधर के नियम को उद्धृत किया है - चतुराहतवर्गसमै रुपैः पक्षद्वयं गुणयेत | अव्यक्तवर्गरुयैर्युक्तौ पक्षौ ततो मूलम् || अर्थात, समीकरण के दोनों पक्षों को अज्ञात चर के वर्ग के गुणांक के चार गुने से गुणा करें
वर्ग पूर्ण करने की विधि में तत्समक x2+2xy+y2=(x+y)2 का प्रयोग किया जाता है. यहाँ पर हम श्रीधराचार्य विधि (Shridharacharya Method) द्वारा द्विघातीय समीकरण हल करने की विधि का वर्णन करेंगे. द्विघातीय समीकरण का हल प्रस्तुत करने वाले आरम्भिक गणितज्ञों में श्रीधराचार्य का नाम अग्रणी है. श्रीधराचार्य प्राचीन भारत के एक महान गणितज्ञ थे. इन्होंने अन्य गणितज्ञों की तुलना में शून्य की सर्वाधिक स्पष्ट व्याख्या की तथा द्विघातीय समीकरण को हल करने के लिए सूत्र का प्रतिपादन किया. श्रीधर ने बीजगणित पर एक वृहद् ग्रन्थ की रचना की थी जो अब उपलब्ध नहीं है. परन्तु भारतीय गणितज्ञ भास्कर द्वितीय ने अपने बीजगणित में द्विघातीय समीकरणों के हल के लिए श्रीधर के नियम को उद्धृत किया है - चतुराहतवर्गसमै रुपैः पक्षद्वयं गुणयेत | अव्यक्तवर्गरुयैर्युक्तौ पक्षौ ततो मूलम् || अर्थात, समीकरण के दोनों पक्षों को अज्ञात चर के वर्ग के गुणांक के चार गुने से गुणा करें