Tuesday 14 November 2017

पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) ज्यामिति सिद्धांत

पायथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज (सम-कोण त्रिभुज) की तीनों भुजाओं के बीच मिति में एक संबंध है " h2 = a2+b2"



पायथागोरस प्रमेय

पायथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज (सम-कोण त्रिभुज) की तीनों भुजाओं के बीच यूक्लिडियन ज्यामिति में एक संबंध है।
क्षेत्रफल के अर्थ में, यह बताता है : किसी भी समकोण त्रिभुज में, उस वर्ग का क्षेत्रफल जिसकी भुजा कर्ण है (समकोण की सम्मुख भुजा), उन वर्गों के क्षेत्रफलों के योगफल के बराबर होता है जिनकी भुजाएं दो पाद (लेग) (समकोण पर मिलने वाली दो भुजाएं) होती हैं।

 किसी भी समकोण त्रिभुज में, उस वर्ग का क्षेत्रफल जिसकी भुजा कर्ण है (समकोण की सम्मुख भुजा), उन वर्गों के क्षेत्रफलों के योगफल के बराबर होता है जिनकी भुजाएं दो पाद (लेग) (समकोण पर मिलने वाली दो भुजाएं) होती हैं।
प्रमेय को भुजाओं a, b और c की लंबाइयों के बीच संबंध बनाते हुए समीकरण के रूप में लिखा जा सकता है, जिसे पायथागोरस समीकरण a2+b2=h2 कहते हैं। जहां h कर्ण की लंबाई को दर्शाता है, और a तथा b अन्य दो भुजाओं की लंबाइयों को दर्शाता है।