Friday 2 October 2020

अवकलन क्या है। सरल भाषा में समझते हैं।

अगर हमारे पास दो चर हैं। और एक दूसरे पर निर्भर है । यदि एक चर का मान बढ़ाया जाता है तो दूसरे का मान भी बढ़ जाता है। 

दोनों चर के परिवर्तन की दर केअनुपात को अवकलन गुणांक कहा जाता है

आइए इस वीडियो में इस अवधारणा को समझते हैं।



किसी चर राशि के किसी अन्य चर राशि के सम्बन्ध में  परिवर्तन की दर की गणना को अवकलन (Differentiation) कहते हैं ।

Friday 4 September 2020

अवकलन के द्वारा स्पर्श रेखा का समीकरण ज्ञात कैसे किया जाता है

 इस वीडियो में हम देखेगे के अवकलन द्वारा वक्र की स्पर्श रेखा का समीकरण कैसे ज्ञात करते है ।



किसी बिन्दु पर स्पर्शरेखा या स्पर्शी उस सरल रेखा को कहते हैं जो उस वक्र को उस बिन्दु पर 'बस स्पर्श करती' है, अर्थात् उस वक्र को केवल उसी बिन्दु पर छूती है और अन्य किसी बिन्दु पर नहीं।

Sunday 8 December 2019

द्विघात समीकरण सूत्र , श्री धराचार्य सूत्र (Quadratic Equation Formula)

समीकरण ax2+bx+c=0 के प्रकार को एक द्विघात का समीकरण कहते यह विधि वर्ग पूर्ण करने की विधि (method of completing the square) पर आधारित है.



वर्ग पूर्ण करने की विधि में तत्समक x2+2xy+y2=(x+y)2 का प्रयोग किया जाता है.  यहाँ पर हम श्रीधराचार्य विधि (Shridharacharya Method) द्वारा द्विघातीय समीकरण हल करने की विधि का वर्णन करेंगे. द्विघातीय समीकरण का हल प्रस्तुत करने वाले आरम्भिक गणितज्ञों में श्रीधराचार्य का नाम अग्रणी है. श्रीधराचार्य प्राचीन भारत के एक महान गणितज्ञ थे. इन्होंने अन्य गणितज्ञों की तुलना में शून्य की सर्वाधिक स्पष्ट व्याख्या की तथा द्विघातीय समीकरण को हल करने के लिए सूत्र का प्रतिपादन किया. श्रीधर ने बीजगणित पर एक वृहद् ग्रन्थ की रचना की थी जो अब उपलब्ध नहीं है. परन्तु भारतीय गणितज्ञ भास्कर द्वितीय ने  अपने बीजगणित में द्विघातीय समीकरणों के हल के लिए श्रीधर के नियम को उद्धृत किया है - चतुराहतवर्गसमै रुपैः पक्षद्वयं गुणयेत | अव्यक्तवर्गरुयैर्युक्तौ पक्षौ ततो मूलम्‌ || अर्थात, समीकरण के दोनों पक्षों को अज्ञात चर के वर्ग के गुणांक के चार गुने से गुणा करें

Tuesday 14 November 2017

पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) ज्यामिति सिद्धांत

पायथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज (सम-कोण त्रिभुज) की तीनों भुजाओं के बीच मिति में एक संबंध है " h2 = a2+b2"



पायथागोरस प्रमेय

पायथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज (सम-कोण त्रिभुज) की तीनों भुजाओं के बीच यूक्लिडियन ज्यामिति में एक संबंध है।
क्षेत्रफल के अर्थ में, यह बताता है : किसी भी समकोण त्रिभुज में, उस वर्ग का क्षेत्रफल जिसकी भुजा कर्ण है (समकोण की सम्मुख भुजा), उन वर्गों के क्षेत्रफलों के योगफल के बराबर होता है जिनकी भुजाएं दो पाद (लेग) (समकोण पर मिलने वाली दो भुजाएं) होती हैं।

 किसी भी समकोण त्रिभुज में, उस वर्ग का क्षेत्रफल जिसकी भुजा कर्ण है (समकोण की सम्मुख भुजा), उन वर्गों के क्षेत्रफलों के योगफल के बराबर होता है जिनकी भुजाएं दो पाद (लेग) (समकोण पर मिलने वाली दो भुजाएं) होती हैं।
प्रमेय को भुजाओं a, b और c की लंबाइयों के बीच संबंध बनाते हुए समीकरण के रूप में लिखा जा सकता है, जिसे पायथागोरस समीकरण a2+b2=h2 कहते हैं। जहां h कर्ण की लंबाई को दर्शाता है, और a तथा b अन्य दो भुजाओं की लंबाइयों को दर्शाता है।

Monday 27 March 2017

Maths Tricks Multiply Shortcut | Maths vs Mind

Welcome to Maths vs Mind, Shortcut Method to Calculate the multiplication of any two or Three digit numbers. Learn all about Maths Tricks multiplying two-digit numbers and multiplying three-digit numbers in this video. 





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Wednesday 8 March 2017

Area of a Triangle Explained - Maths vs Mind

Area of a Triangle Explained - Maths vs Mind

 Explanation of the Area of a Triangle. Proof To find the area of a triangle, multiply the base by the height and just half of it.
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